
हे स्वर की देवी मां (he swar ki devi maa lyrics) एक भजन है जो विद्या की देवी सरस्वती को समर्पित है। भजन/प्रार्थना में मां सरस्वती से वाणी में मधुरता देने, संगीत की शिक्षा देने की प्रार्थना की गयी है। यह एक लोकप्रीय प्रार्थना/भजन है जो प्रतिदिन भारत के कई विद्यालयों में प्रार्थना के रूप में गाया जाता है। प्रार्थना का विडियो, शब्द निम्नानुसार हैः-
He swar ki Devi Maa lyrics
हे स्वर की देवी माँ, वाणी में मधुरता दो।
हम गीत सुनाते हैं, संगीत की शिक्षा दो।
अज्ञान ग्रसित होकर, क्या गीत सुनायें हम।
टूटे हुए शब्दों से, क्या स्वर को सुनाएं हम।
दो ज्ञान राग माँ तुम, वाणी में मधुरता दो।
सरगम का ज्ञान नहीं, शब्दों में सार नहीं।
तुम्हें आज सुनाने को, मेरी मैया कुछ भी नहीं।
संगीत समन्दर से, स्वर ताल हमें दे दो।
भक्ति ना शक्ति है, शब्दों का ज्ञान नहीं।
तुम्हे आज सुनाने को, मेरी मैया कुछ भी नहीं।
गीतों के खजाने से, एक गीत हमें दे दो।
शब्द सरिता (The River of Words in Hindi.)