राजस्थानी लोक भजन – कर्मों री रेखा न्यारी न्यारी

वीरा रे मत दईजो मावलडी ने दोष कर्मों री रेखा न्यारी न्यारी …(२)
ए भई रे मत दईजो मावलडी ने दोष कर्मों री रेखा न्यारी न्यारी

भई रे एक माता रे पुत्तर चार, चारों री करणी न्यारी न्यारी
भई रे पहलों राजा रे दरबार दुजोडो हीरा पारखी
भई रे ए ए तीजो बंजारा रा री हाट, चोथोडो फेरे पुळिया … (२)
भई रे मत दईजो मावलडी ने दोष कर्मों री रेखा न्यारी न्यारी

भई रे एक माटी रा बर्तन चार, चारों री करणी न्यारी न्यारी … (२)
भई रे पहला में दहिडो विलोय, दुजो जल जमना गयो … (२)
भई रे तीजो पनिहार्याँ री शीष, चोथोडो बीजम पाणियों … (२)
भई रे मत दईजो मावलडी ने दोष कर्मों री रेखा न्यारी न्यारी

भई रे एक गौ रे बछडा चार, चारों री करणी न्यारी न्यारी … (२)
भई रे पहलों सूरज जी रो सांड, दुजोडो शिव रो नंदियो … (२)
भई रे तीजो घाणी वाळो बेल, चोथो बिणजारे नादियों … (२)
भई रे मत दईजो मावलडी ने दोष कर्मों री रेखा न्यारी न्यारी

भई रे एक वेल रे तुम्बा चार, चारों री करणी न्यारी न्यारी … (२)
भई रे पहलों सतगुरु जी रे हाथ, दुजो जळ जमना में बह्यो … (२)
भई रे तीजो तम्बूरा री बिन, चोथोडो भिक्षा मांग रह्यो … (२)

भई रे कह गया दास कबीर कर्मों रा भरा न्यारा न्यारा … (२)
भई रे मत दईजो मावलडी ने दोष कर्मों री रेखा न्यारी न्यारी
कर्मों री रेखा न्यारी न्यारी, कर्मों री रेखा न्यारी न्यारी