सबसे बडी चीज
बीरबल अकबर को अत्यन्त प्रिय थे। इस बात से राजा अकबर के दरबारी बीरबल से बहुत ईर्ष्या करते थे। एक दिन दरबार में बीरबल नहीं थे तो मौके का फायदा उठाकर सभी दरबारी और मंत्रीगण अकबर के सामने बीरबल की बुराई करने लगे और उसके कान भरने लगे। उनमें से एक ने कहा, ”महाराज आप सब बीरबल को ही हमेशा महत्व देते हैं और हर काम बीरबल की सलाह से ही करते है। हर जिम्मेदारी केवल बीरबल को ही देते है। इसका मतलब आप की नजर में हम सब अयोग्य है।“
अकबर बीरबल के खिलाफ कुछ नहीं सुनना चाहते थे लेकिन अपने दरबारियों और मंत्रियों को निराश भी नहीं करना चाहते थे, इसलिये उन्होंने एक तरीका निकाला। उन्होंने दरबारियों से कहा ’’ मैं तुम्हे एक प्रश्न पूछता हू। यदि तुमने उसका सही जवाब नहीं दिया तो सब को फांसी की सजा दी जायेगी। ध्यान रहे आपका जवाब सटीक हो। मुझे कोई अटपटा जवाब नहीं चाहिये।’’
अकबर की बात सुनकर दरबारी और मंत्रीगण एकबार तो डर गये लेकिन डरते डरते जवाब दिया ’’ठठ.. ठीक है महाराज।’’ महाराज ने पूछा, ’’दुनिया में सबसे बडी चीज है क्या है।’’ मंत्रीगण के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था इसलिये उन्होने अकबर से कुछ मोहलत देने की प्रार्थना की। अकबर ने उन्हें एक माह का समय दे दिया।
दरबार समाप्त होने के बाद सभी मंत्रीगण और दरबारी इकट्ठै हुए और प्रश्न का जबाब ढूंढने लगे। एक दरबारी ने कहा, ’’दुनिया में सबसे बडी चीज भूख है। लेकिन दूसरे ने उसकी बात काटते हुए कहा, “भूख को कई दिन तक बर्दास्त किया जा सकता है इसलिये भूख सबसे बडी चीज नहीं हो सकती।“ दूसरे दरबारी ने कहा दुनिया में सबसे बडी चीज भगवान है। लेकिन उसकी बात से भी अन्य मंत्रीगण और दरबारी सहमत नहीं हुए।
धीरे धीरे मोहलत का समय बीत गया लेकिन उनको महाराज के इस प्रश्न का कोई जवाब नहीं मिला की दुनिया की सबसे बडी चीज क्या है। अन्त में थक-हार कर वे बीरबल के पास गये और सारी बात बताई। बीरबल ने जवाब दिया, ’’मैं तुम्हे बचा सकता हूं लेकिन जैसा मैं कहता हूं वैसा ही तुम्हे करना पडेगा।“ कोई विकल्प नहीं था, सभी दरबारी बीरबल की बात पर सहमत हो गये।
दुर्सरे दिन ही बीरबल ने एक बडी सी पालकी की व्यवस्था करावाई और उसमें स्वय बैठ गये। दो दरबारियों को उसको उठाने के लिये कहा। एक दरबारी को अपना हुक्का पकडाया और दूसरे को अपनी जूतियां पकडाई और महल की तरफ चलने के लिये कहा।
जैसे ही वे अकबर के महल में पहूंचे, अकबर दृश्य देखकर हैरान हो गये। इससे पहले ही अकबर कुछ पूछते बीरबल ने तपाक से कहा ’’ महाराज दुनिया में सबसे बडी चीज गरज है जिसके कारण ये सभी मुझे पालकी में उठाकर यहां लाये है।’’ महाराज सारी बात समझ गये और मुस्कुराने लगे।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी की योग्यता से जलना नहीं चाहिये बल्कि उससे सीख लेकर खुद को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिये।