राजस्थानी लोक गीत – सोने रो बाजोटियो ने मोतीडा सूंजडियो

सोने रो बाजोटियो ने मोतीडा सूं जडियो … (२)
सोने रो बाजोटियो ने हीरा पन्ना सूं जडियो … (२)
घी गुळ री घूँट भरावों ओ लाडेडला थाने बाजोटे बेठावो … (२)
बाजोटे बेठाय बन्ना ने चंवर ढोलावु … (२)
ढोल रे ढमके सुं परणावुँ ओ लाडेडला थाने बाजोटे बेठावो … (२)

सोने रो बाजोटियो ने मोतीडा सूं जडियो … (२)
अजमल जी सरीखां थोरा भाभोसा लाडेडला थाने बाजोटे बेठावो … (२)
बाजोटे बेठाय बन्ना ने चंवर ढोलावु … (२)
ढोल रे ढमके सुं परणावुँ ओ लाडेडला थाने बाजोटे बेठावो … (२)

सोने रो बाजोटियो ने मोतीडा सूं जडियो … (२)
विरमदेव सरीखां थोरा वीरा लाडेडला बाजोटे बेठावो … (२)
बाजोटे बेठाय बन्ना ने चंवर ढोलावु … (२)
ढोल रे ढमके सुं परणावुँ ओ लाडेडला थाने बाजोटे बेठावो … (२)

सोने रो बाजोटियो ने मोतीडा सूं जडियो … (२)
मेनांदे सरीखां थोरा माता ओ लाडेडला थाने बाजोटे बेठावो … (२)
बाजोटे बेठाय बन्ना ने चंवर ढोलावु … (२)
ढोल रे ढमके सुं परणावुँ ओ लाडेडला थाने बाजोटे बेठावो … (२)